पारिस्थितिकी संरक्षण में भूमिका
अभिनव और सतत समाधानों का तालमेल
भारत के 5 सितारा होटल अपने अतिथि सेवाओं की प्रदानता के लिए पूरे विश्व में विख्यात हैं, किंतु इसके साथ-साथ वे अब सतत विकास की दिशा में भी अपने कदम बढ़ा रहे हैं।
सतत संचालन की दिशा में सफल उदाहरण
जैसा कि ऊर्जा संरक्षण संस्थान (BEE) के अनुसार 2021 में भारतीय होटलों ने लगभग 15% अधिक ऊर्जा कुशलता के लक्ष्य को प्राप्त किया है, इस प्रकार ये होटल ग्रीन ऊर्जा के उपयोग और सतत पैनलों की स्थापना जैसे उपायों के माध्यम से पर्यावरणीय स्थायित्व को बनाए रखने में सबसे आगे हैं। इन होटलों में कई सतत परियोजनाएँ सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं, जिसमें जल की बचत, ऊर्जा संरक्षण और कचरा प्रबंधन शामिल हैं।
अभिनव तकनीकों का समर्थन
होटल उद्योग द्वारा अपनाई गई स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियाँ जैसे कि ऑटोमेटेड लाइटिंग और तापमान नियंत्रण सिस्टम्स ने न केवल ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा को बचाया है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि अतिथि अनुभव कोई कम ना हो। सतत विकास में तकनीकी नवाचार से हमारा होटल उद्योग नए आयाम स्थापित कर रहा है, जैसा कि इंडिया टूरिज़म स्टैटिस्टिक्स (2019) की रिपोर्ट से पता चलता है।
सतत विकास की ओर एक प्रबल प्रतिबद्धता
अत्यधिक प्रतिष्ठित होटल ब्रांड्स जिनका पूरी दुनिया के लाखों अतिथियों के बीच मान्यताप्राप्त स्थान है, उन्होंने भी सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाने का दृढ़ संकल्प जताया है। उनकी वेबसाइटों और विपणन सामग्री में इस प्रतिबद्धता की झलक साफ देखी जा सकती है। लक्ज़री और जिम्मेदारी का संगम यह सुनिश्चित करता है कि अतिथियों को बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करते समय पर्यावरणीय प्रभाव का भी सतत आकलन किया जा सके।
पर्यावरणीय प्रभाव और सामाजिक जिम्मेदारी
भारत के पांच सितारा होटलों में विलासिता और सुख-सुविधा की पराकाष्ठा देखने को मिलती है, किन्तु इसके साथ-साथ इन होटलों ने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और सामाजिक जिम्मेदारी को गंभीरतापूर्वक अपनाने का भी दृढ़ संकल्प लिया है। आंकड़ों के अनुसार, भारतीय पर्यटन उद्योग ने हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में 70% की वृद्धि दर्ज की है, जो कि इस बात का संकेत है कि होटल उद्योग सतत परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है।
सामाजिक विकास में योगदान
हर पांच सितारा होटल न केवल अपने मेहमानों की संतुष्टि का ध्यान रखता है बल्कि स्थानीय समुदाय के विकास और उनके कल्याण की ओर भी उतनी ही गंभीरता से काम करता है। 'आतिथ्य उद्योग के सामाजिक जिम्मेदारी पहल' (Hospitality Industry's Social Responsibility Initiatives) के अंतर्गत, कई होटलों ने रोजगार सृजन, स्किल डेवलपमेंट और स्थानीय कारीगरों को समर्थन देने जैसे कार्यक्रमों में अपना योगदान बढ़ाया है। एक शोध के अनुसार, इस तरह के पहलों से लगभग 30% स्थानीय लोगों को लाभ मिला है।
हरित पहलों की एकीकृति
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, भारतीय होटलों ने 'ग्रीन हॉस्पिटैलिटी' (Green Hospitality) की अवधारणा को अपनाकर हरित पहलों को गति प्रदान की है। सोलर पैनल्स की स्थापना, जल संरक्षण, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम जैसी प्रक्रियाओं को लागू करके वे न केवल ऊर्जा संरक्षण कर रहे हैं बल्कि 50% तक अपने कार्बन पदचिह्न को भी कम कर रहे हैं।
एक सकारात्मक दिशा
महात्मा गांधी का कथन 'पर्यावरण के प्रति हमारी सबसे बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी उसे जीवंत और स्वच्छ बनाए रखना है' आज भी प्रासंगिक है। आज भारत के पांच सितारा होटल इसी दिशा में बढ़ रहे हैं, अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को पहचानते हुए और उन्हें पूरा करने के लिए सक्रिय पहल करते हुए। वे अपने ग्राहकों को भी सतत और पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं, जिससे सामाजिक परिवर्तन में उनकी भागीदारी 40% तक बढ़ी है। इस तरह की सकारात्मक और जिम्मेदार पहल से ही सतत विकास की राह प्रशस्त होती है।