क्या आपको मालूम है भारत के 5-स्तरीय होटलों में सतत विकास के नवीनतम आयाम?

जब विश्वास और सपने होटलों की दीवारों में सांस लेते हैं, तो हर मेहमान का दिल अनुभवों की मिठास से भर जाता है। लेकिन, क्या कभी सोचा है कि ये शानदार होटल किस प्रकार सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाकर पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभा रहे हैं? आइए, खुदाई करें उन नीतियों और कार्यक्रमों की जो लग्ज़री और स्थिरता का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करते हैं।

हरित भूनिर्माण: प्राकृतिक सौंदर्य का संरक्षण

भारत के 5-स्तरीय होटलों में एक स्वप्निल पर्यावरण बनाया गया है जहाँ बगियां और उद्यान सजीव हो उठे हैं। यहाँ किचन गार्डन से लेकर वाटर कंजर्वेशन तक, हर पहलू में स्थिरता निहित है।

कचरे का प्रबंधन: अपशिष्ट को अमृत में परिवर्तित

अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियाँ, जैसे बायोगैस प्लांट और कंपोस्टिंग के द्वारा, होटलों ने अपनी 'कचरे से कुछ नहीं' की नीति का परिचय दिया है। शानदार, है ना?

ऊर्जा संरक्षण: प्रकाश का खेल, ऊर्जा की बचत

LED लाइटिंग, सौर पैनल्स, और हवा से ऊर्जा उत्पादन – ये होटल सिर्फ आलोकिक नहीं, बल्कि ऊर्जा-चतुर भी होते जा रहे हैं!

पानी की बचत: हर बूंद की कीमत

पानी के बहाव को सहेजने वाले सेन्सर और लो-फ्लो प्लंबिंग फिक्सचर, ये होटल पानी की हर बूंद को सोने की तरह संजोते हैं।

स्थानीय संस्कृति का पोषण

स्थानीय कला, शिल्प, और किसानों के उत्पादन का समर्थन – यह होटल न केवल पर्यटकों को, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी गले लगाते हैं।

स्रोत से पोषण: खेत से फार्म तक

और अंत में, जब आपको खाना खिलाया जाता है तो आप सुरक्षित रहें, क्योंकि यहां के 'फार्म टू फोर्क' कार्यक्रम सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक भोजन में स्थिरता का स्वाद हो।